हस्तकला या शिल्पकला
कला शिक्षा विद्यार्थियों में रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का पोषण करती है। कलात्मक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को लीक से हटकर सोचने, नए विचारों का पता लगाने और खुद को अनूठे तरीकों से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ये कौशल न केवल कलात्मक प्रयासों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी काम आते हैं।